एक वर्ष पहले मेडिकल कॉलेज चंबा में तीन-तीन कैंसर विशेषज्ञ अब एक भी नहीं जिले के 5000 कैंसर रोगियों को मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाने की सुविधा...
चंबा मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोग विशेषज्ञ न होने से मरीजों को टांडा, शिमला की दौड़ लगानी पड़ रही है
एक वर्ष पहले मेडिकल कॉलेज चंबा में तीन-तीन कैंसर विशेषज्ञ अब एक भी नहीं
जिले के 5000 कैंसर रोगियों को मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाने की सुविधा नहीं मिल रही है। एक वर्ष पहले चंबा मेडिकल कॉलेज से नौकरी छोड़कर गए तीन कैंसर विशेषज्ञों के बाद सरकार यहां अब तक कैंसर विशेषज्ञ की तैनाती नहीं कर पाई। जिले में विभिन्न प्रकार के कैंसर से जूझ रहे मरीजों को इलाज के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज या आईजीएमसी शिमला की दौड़ लगानी पड़ रही है। यहां उन्हें विशेषज्ञ से इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। एक वर्ष पहले मेडिकल कॉलेज चंबा में कैंसर की ओपीडी चल रही थी तो रोजाना कैंसर रोगी स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंचते थे। विशेषज्ञों के जाने के बाद भी मरीजों का कई दिन तक ओपीडी में आना-जाना लगा रहा। अब कैंसर मरीजों ने चंबा मेडिकल कॉलेज जाना ही छोड़ दिया है।
क्षेत्रवासियों ने सरकार से चंबा में शीघ्र कैंसर रोग विशेषज्ञ की तैनाती मांग की
गरीब परिवार से संबंध रखने वाले मरीज इलाज के लिए जिले के बाहर नहीं जा पाते हैं। चंबा निवासी जय सिंह, योगराज, विनोद कुमार, दीपक शर्मा, किशोर, सुरेश ठाकुर, केवल और अशोक कुमार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में हर बीमारी का विशेषज्ञ होना चाहिए। चंबा मेडिकल कॉलेज में मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल पा रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि चंबा में शीघ्र कैंसर रोग विशेषज्ञ की तैनाती करवाई जाए।