डीए-एरियर और पे स्केल एरियर सबसे बड़ा मुद्दा हिमाचल प्रदेश में डीए और छठे वेतनमान का संशोधित एरियर न मिलने से कर्मचारियों में रोष पनपा है। बुधवार क...
सचिवालय के बाहर कर्मचारियों का हल्ला बोल, जमकर की नारेबाजी
डीए-एरियर और पे स्केल एरियर सबसे बड़ा मुद्दा
हिमाचल प्रदेश में डीए और छठे वेतनमान का संशोधित एरियर न मिलने से कर्मचारियों में रोष पनपा है। बुधवार को हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ ने सचिवालय के आर्म्सडेल भवन के प्रांगण में हल्ला बोला। हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा ने कहा कि सचिवालय में करीब 750 पद खाली पड़े हैं और पे-फिक्सेशन नहीं हो रही है। कॉन्ट्रेक्ट पीरियड की रिवाइज्ड सिनीयोरिटी लिस्ट नहीं निकल रही है। डीए-एरियर और पे स्केल एरियर सबसे बड़ा मुद्दा है और पे-एरियर के नाम पर पूर्व सरकार के समय केवल 50 हजार रुपये मिले थे।
चेयरमैन संजीव शर्मा ने कहा 2016 का एरियर मिला ही नहीं
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के चेयरमैन संजीव शर्मा ने कहा कि जो भी कर्मचारी अभी तक कर्मचारी को एरियर बिल्कुल नहीं मिला है सिर्फ 50 हजार रुपए मिला है। हर कर्मचारी को एरियर जो की पिछली सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री माननीय जयराम ने दिया था। मैं आपको बता देना चाहता हूं कि पहले जो पीरियड है एक मुश्त दिया जाता था। मुझे याद है 1986 का जब पे स्केल मिला था उसका जब एरियर मिला था लोगों को वो दो दो, तीन 3 लाख मिला था। उस वक्त क्या लोग करते थे इंतजार करते थे कि जब एरियर मिलेगा तो लोगों ने पहले ही प्लानिंग बना रखी होती थी। इस बार के एरियर से हम प्लॉट लेंगे। कोई सोचता था कि हम मकान बनाएंगे, कोई अपनी बेटी की शादी करेंगे। कोई सोचता था हम बेटे की शादी करेंगे।
संजीव शर्मा ने कहा कि इस एरियर का इंतजार रहता था, लेकिन और आपको ये भी बता दें शिमला में 10 हजार से 15000 कर्मचारी हैं जिनके यहां अपने मकान हैं जो पूरे प्रदेश के लोग यहां पर रहते हैं। ये प्लॉट उन्होंने तब लिए थे जब 1986 में सर्वप्रथम पे स्केल एरियर मिला था। उसके बाद 1996 में एरियर किस्तों में दिया। तब भी कर्मचारियों ने कुछ नहीं दिया। 2006 में भी एरियर मिला वो भी किस्तों में मिला, लेकिन 2016 का एरियर मिला ही नहीं। सिर्फ 50 हजार रुपये मिले हैं।