जर्रा-जर्रा खूबसूरत पर नहीं जली पर्यटन की ‘जोत’

फाइलों के फेर में फंसा पर्यटक स्थल जोत पिकनिक स्पाट बनकर रह गया पर्यटक स्थल जोत में पर्यटन कारोबार की संभावनाओं के दोहन को लेकर अभी तक कारगर नीति न...

जर्रा-जर्रा खूबसूरत पर नहीं जली पर्यटन की ‘जोत’

जर्रा-जर्रा खूबसूरत पर नहीं जली पर्यटन की ‘जोत’

फाइलों के फेर में फंसा पर्यटक स्थल जोत पिकनिक स्पाट बनकर रह गया

पर्यटक स्थल जोत में पर्यटन कारोबार की संभावनाओं के दोहन को लेकर अभी तक कारगर नीति नहीं बन पाई है। इसके चलते जोत पर्यटक स्थल की बजाय पिकनिक स्पाट बनकर रह गया है। हालात यह है कि जोत को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित कर इसे पहचान दिलाने को लेकर अभी तक की योजनाओं फाइलों के फेर से बाहर नहीं निकल पाई है। इसके चलते पर्यटन स्थल जोत अभी भी अपनी पहचान को तलाश रहा है। समुद्र तल से करीब 2300 मीटर की उंचाई पर स्थित जोत एक सुंदर पर्यटन स्थल है। मगर जोत में पर्यटन कारोबार की संभावनाओं का दोहन नहीं हो पाया है। इस कारण जोत में गर्मियों के मौसम में डलहौजी व खजियार घूमने आने वाले पर्यटक चंद घंटों के लिए जोत में ठहराव करते हैं। साथ ही जोत मार्ग के जरिए दौडऩे वाली निजी व सरकारी बसों का भी यह एक अहम बस स्टाप बना हुआ है।

जोत में शौचालय गंदगी से अटे पडे हैं जो सरकार के खुले से शौच मुक्त अभियान पर भी सवाल है 

पर्यटन स्थल जोत पर लडखडाई सफाई व्यवस्था भी एक चिंता का विषय बनी हुई है। जोत में शौचालय के गंदगी से अटे पडे हैं। इसके चलते लोग खुले में शौच करने को मजबूर हो रहे हैं, जोकि सरकार के खुले से शौच मुक्त अभियान पर भी सवाल उठाता है। जोत में पर्यटकों के बैठने के लिए वर्षाशालिका तो बनी है, लेकिन इसके आस-पास मवेशियों के गोबर की बदबू का आलम बना रहा है। जोत में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए भी कोई बंदोबस्त नहीं है। स्थानीय लोगों की मानें तो जोत पहुंचकर यहां का खुशनुमा मौसम पर्यटकों को काफी रास आता है। मगर पर्यटकों के कदमों को जोत पर रोकने के लिए सरकार की ओर से यहां मौजूद पर्यटन कारोबार की संभावनाओं के दोहन को लेकर फिलहाल कोई प्रयास नहीं हो पा रहे हैं। इस कारण जोत पिकनिक और बस स्टाप बना हुआ है। सही तरीके से विकास हो तो बात बने। जोत में पहाड़, पेड़, घास, हवा और बात करती प्रकृति यहां की सबसे बड़ी ताकत है। हिमाचल सरकार जब पर्यटन पर ज्यादा फोकस कर रही है, ऐसे में चंबा को उम्मीद जगी है कि जोत के लिए भी इस बार सरकार के खजाने से कुछ न कुछ खास निकलेगा। यहां पर पहले की सरकारों ने सिर्फ घोषणाएं ही की। रंज यह है कि एक भी घोषणा धरातल पर आज तक उतर ही नहीं पाई।

नहीं हुए कोई प्रयास…

जोत समुद्र तल से 2300 मीटर की ऊंचाई पर एक सुंदर पर्यटन स्थल है। जोत चुवाड़ी से 23 और चंबा से 25 किलोमीटर के फासले पर स्थित है। पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर जोत में देवदार के पेड़ों का नजारा देखते ही बनता है। मगर सरकार की ओर से जोत को विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाने को लेकर फिलहाल कोई प्रयास नहीं दिख रहे हैं। यहां के योजना बननी चाहिए।