जिले के जंगलों में आग लगने का सिलसिला नहीं थम रहा है। इससे लाखों की वन संपदा के साथ वन्य जीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है शुक्रवार रात को भी जंगल की...
न्याग्रां के पास जंगल की आग से जलकर पेड़ गिरने से वन विभाग का रेस्टहाउस हुआ चकनाचूर
जिले के जंगलों में आग लगने का सिलसिला नहीं थम रहा है। इससे लाखों की वन संपदा के साथ वन्य जीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है
शुक्रवार रात को भी जंगल की आग के कारण न्याग्रां के पास कायल का एक गगनचुंबी पेड़ धराशायी होकर वन विभाग के रेस्ट हाउस पर जा गिर गया। इससे रेस्ट हाउस बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। वन विभाग का रेस्ट हाउस क्षतिग्रस्त होने से लाखों का नुकसान हुआ है। गनीमत रही कि पेड़ गिरने के समय रेस्ट हाउस के अंदर कोई मौजूद नहीं था। अन्यथा, जान-माल का नुकसान भी हो सकता था। इस घटना का पता वन विभाग को शनिवार सुबह लगा। रेस्ट हाउस में तैनात कर्मचारी ड्यूटी पर पहुंचा तो देखा कि पेड़ गिरने से रेस्ट हाउस क्षतिग्रस्त हो गया है। इसकी सूचना कर्मचारी ने अपने उच्चाधिकारी को दी।
जब तक इस रेस्ट हाउस की मरम्मत नहीं हो जाती तब तक यहां कोई भी सैलानी या अन्य रात को नहीं ठहरेगा
सूचना मिलते ही उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे। जंगल में लगी आग को पेड़ गिरने का कारण माना जा रहा है। जहां यह पेड़ गिरा था, वहां सुबह के समय भी चिंगारी सुलग रही थी।नुकसान का सही आकलन करने के लिए विभाग की टीम जांच कर रही है। अब जब तक इस रेस्ट हाउस की मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक यहां कोई भी सैलानी या अन्य रात को नहीं ठहर पाएगा। इससे भी विभाग को काफी नुकसान होगा। वन मंडल अधिकारी डॉ. नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि पेड़ गिरने से रेस्ट हाउस का एक कमरा और किचन क्षतिग्रस्त हुआ है।