सगोटी से पालकी में उठाकर ऊबड़-खाबड़ रास्ते से छह किलोमीटर दूर गरझिंडू वहां से मेडिकल कॉलेज चंबा लाया गया सड़क के अभाव और समय पर उपचार न मिलने से बु...
सगोटी के हंसराज सड़क न होने से जिंदगी की जंग हार गए
सगोटी से पालकी में उठाकर ऊबड़-खाबड़ रास्ते से छह किलोमीटर दूर गरझिंडू वहां से मेडिकल कॉलेज चंबा लाया गया
सड़क के अभाव और समय पर उपचार न मिलने से बुजुर्ग की जान चली गई। भजोत्रा पंचायत के सगोटी निवासी 65 वर्षीय हंसराज पुत्र किशु राम भेड़-बकरियां चराने के लिए जंगल गए थे। अचानक उनका पैर फिसला और खाई में जा गिरे। गंभीर हालत में परिजन उन्हें सगोटी से पालकी में उठाकर ऊबड़-खाबड़ रास्ते से छह किलोमीटर दूर गरझिंडू में सड़क तक लाए। यहां से वाहन में मेडिकल कॉलेज चंबा लाया गया। गंभीर हालत के चलते उन्हें टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा के लिए रेफर कर दिया गया। टांडा ले जाते समय चुवाड़ी में हंसराज ने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों और परिजनों ने कहा कि सगोटी से गरझिंडू तक सड़क होती तो समय पर उपचार मिलने से शायद हंसराज की जान बच जाती। उन्होंने कहा कि पहले भी कई लोग समय पर उपचार न मिलने के कारण जान गंवा चुके हैं। इससे पहले क्षेत्र की एक घायल महिला की भी सड़क तक पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी है।
आजादी के सात दशक बाद भी सड़क से नहीं जुड़ पाया सगोटी गावं
डलहौजी विधानसभा का सगोटी गांव आजादी के सात दशक बाद भी सड़क से नहीं जुड़ पाया है। बीमारी की हालत में मरीजों को ग्रामीण पालकी के सहारे सड़क तक लाते हैं। सलूणी उपमंडल की भजोता पंचायत के सगोटी, मोहण, सैगोटी, पंजोगा, खुड़कोटा, हाला, खालोह, दिभाला, नगवाड़ी, गतका सड़क सुविधा से अछूते हैं। ग्रामीणों ने कहा कि हर बार राजनेता उनका उपयोग महज वोट बैंक के लिए करते हैं। गरझिंडू से सगोटी तक सड़क बनने से भजोत्रा और नड्डल पंचायतों की 1500 की आबादी लाभान्वित होगी। उधर, लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता संदीप शर्मा ने बताया कि चिगली से सगोटी तक सड़क वन विभाग की अनुमति के लिए भेजी गई है। वन विभाग की एनओसी मिलने के बाद आगामी कार्रवाई शुरू की जाएगी। उधर, सिविल अस्पताल चुवाड़ी के चिकित्सक डॉ. देवेंद्र पाल ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले मरीज दम तोड़ चुका था। समय रहते उसे टांडा तक पहुंचा दिया जाता तो जान बच सकती थी। परिजन शव को अपने साथ लेकर लौट गए हैं।