हिमोफीलिया के इंजेक्शन की बाजार में 6000 रूपए कीमत हिमोफीलिया के मरीजों के खून का बहाव रोकने के लिए फैक्टर-9 इंजेक्शन के लिए अब चिंता नहीं कर...
हिमाचल सरकार ने पहली बार हिमोफीलिया के मरीजों को दी राहत, इंजेक्शन खरीद के लिए मिले 24 लाख
हिमोफीलिया के इंजेक्शन की बाजार में 6000 रूपए कीमत
हिमोफीलिया के मरीजों के खून का बहाव रोकने के लिए फैक्टर-9 इंजेक्शन के लिए अब चिंता नहीं करनी होगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने पहली बार मेडिकल कॉलेज चंबा को 24 लाख रुपये की धनराशि जारी की है। इससे मेडिकल कॉलेज प्रबंधन 300 फैक्टर-9 के इंजेक्शन खरीदेगा। एक इंजेक्शन की बाजार में 6000 रुपये कीमत है। ऐसे में मरीजों के लिए अपने पैसों से इस इंजेक्शन को खरीद कर लगवा पाना मुश्किल रहता है। इससे पहले दवाई के बजट से मरीजों के लिए इंजेक्शन की व्यवस्था की जाती थी, लेकिन इस बार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इंजेक्शन के लिए सरकार से अलग से बजट देने की मांग रखी थी। सरकार ने मरीजों की समस्या को ध्यान में रखते हुए मेडिकल कॉलेज चंबा को 24 लाख का बजट जारी कर दिया है। बजट मिलने के उपरांत प्रबंधन ने इंजेक्शन की खरीद को लेकर औपचारिकताएं शुरू कर दी हैं।
जिला चंबा में हिमोफीलिया के आधा दर्जन मरीज हैं। इन्हें फैक्टर-9 का इंजेक्शन रूटीन में लगवाना पड़ता है। अन्यथा, उनके शरीर से खून का बहाव होता रहता है। इसे रोकने के लिए विशेषज्ञ मरीजों को फैक्टर-9 इंजेक्शन लगाते हैं, जिससे रक्तस्राव को रोककर उनके मर्ज को कम किया जा सके। यह बीमारी जिस व्यक्ति को होती है, उसे नियमित तौर फैक्टर-9 इंजेक्शन लगाना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डॉक्टर पंकज गुप्ता ने बताया कि सरकार ने फैक्टर-9 इंजेक्शन खरीदने के लिए 24 लाख का बजट जारी किया है। इस बजट से हिमोफीलिया के मरीजों के लिए इंजेक्शन खरीदे जाएंगे। इन मरीजों की ब्लीडिंग रोकने के लिए यह इंजेक्शन लगाना जरूरी होता है।
हिमोफीलिया बीमारी के लक्षण
शरीर में नीले निशान बनना, नाक से खून बहना, आंख के अंदर खून का निकलना और जोड़ों में सूजन होना हिमोफीलिया के लक्षण हैं।