राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल समेज और प्राथमिक स्कूल जहां पर दिनभर बच्चों की चहल-पहल रहती थी, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है। आठ स्कूली बच्चे लापता हैं, ज...
बच्चों की चहल-पहल की जगह सन्नाटा, स्कूल की सभी मंजिलों में भरा है मलबा
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल समेज और प्राथमिक स्कूल जहां पर दिनभर बच्चों की चहल-पहल रहती थी, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है। आठ स्कूली बच्चे लापता हैं, जिनका दो दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। स्कूल का खेल मैदान जहां पर बच्चे हर रोज खेलते थे, वहां पर मलबा और पत्थरों के ढेर हैं।
बादल फटने से समेज गांव में आई बाढ़ में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल समेज और प्राथमिक स्कूल का भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। मलबा भरने से दो दिन से शिक्षा का मंदिर सूना पड़ा है। जहां पर दिनभर बच्चों की चहल-पहल रहती थी, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है।
मलबे में दबी एक ट्रॉफी मिली है, जिसे समेज स्कूल के बच्चे टूर्नामेंट में जीतकर लाए थे। इन बच्चों के इनाम लेते फोटो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। आठ स्कूली बच्चे लापता हैं, जिनका दो दिन बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है। स्कूल का खेल मैदान जहां पर बच्चे हर रोज खेलते थे, वहां पर मलबा और पत्थरों के ढेर हैं। स्कूल के शिक्षक भी लापता बच्चों को याद कर आंसू नहीं रोक पा रहे हैं। उन्हें तलाश करने के लिए खड्ड की ओर नम आंखों से परिजन देखते रहे, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिलने से सभी शिक्षक और बच्चे परेशान हैं।राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल समेज के प्रधानाचार्य कमलानंद ने बताया कि स्कूल के आठ बच्चे बाढ़ में बह गए हैं। इन सभी छात्रों ने राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेकर स्कूल का नाम रोशन किया था। इस स्कूल में 72 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल पूरी तरह से असुरक्षित हो गया है। अब कक्षाएं कहां लगानी हैं, इस विषय अधिकारियों से बातचीत की जा रही है।
ये बच्चे हैं लापता
इस स्कूल में पढ़ने वाले लापता बच्चों में प्रीतिका, रितिका, अंजली, जीया, अरुण, राधिका, आरुषि और योगप्रिया शामिल हैं। यह सभी छठी से 12वीं में पढ़ते थे।