लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सब पर सुख की फुहार, सवा लाख अस्थायी कामगारों और 40,000 जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया

राज्य के सीमित साधन हैं और कर्ज ही आसरा है, केंद्र की बैसाखी से भी उम्मीद पहले जैसी नहीं उत्तर भारत में कांग्रेस के अकेले और देश में तीसरे मुख्यमंत...

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सब पर सुख की फुहार, सवा लाख अस्थायी कामगारों और 40,000 जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सब पर सुख की फुहार, सवा लाख अस्थायी कामगारों और 40,000 जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया

राज्य के सीमित साधन हैं और कर्ज ही आसरा है, केंद्र की बैसाखी से भी उम्मीद पहले जैसी नहीं

उत्तर भारत में कांग्रेस के अकेले और देश में तीसरे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को अपने कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया, जिस पर सबकी नजरें टिकी थीं। केंद्र से सीमित मदद मिलने की अक्सर बात करने वाले मुख्यमंत्री सुक्खू ने लोकसभा चुनाव सामने होने के चलते समय से पहले हुए बजट सत्र की चौथी बैठक में हिमाचल प्रदेश के हर क्षेत्र और वर्ग को स्पर्श किया है। राज्य के पास अपने सीमित साधन हैं और कर्ज ही आसरा है, केंद्र की बैसाखी से भी उम्मीद पहले जैसी नहीं है। इसके बावजूद इस बजट में बतौर वित्त मंत्री मुख्यमंत्री का अर्थ प्रबंधन नजर आया है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश कर सब पर सुख की फुहार बरसाई। 58,444 करोड़ रुपये के बजट अनुमानों में उन्होंने कई वर्गों को कुछ न कुछ देने का प्रयास कर बजट अनुमान रखे और आत्मनिर्भर हिमाचल का संकल्प लिया। सुक्खू ने सात नई योजनाओं और तीन नवीन नीतियों की घोषणा की। उन्होंने बजट में युवाओं, बुजुर्गों, महिलाओं, किसानों और समाज के कमजोर वर्गों का विशेष ध्यान रखा है। अपनी घोषणाओं में कांग्रेस की कई गारंटियों को लक्षित कर क्षेत्रीय संतुलन भी साधा है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने इस बजट को करमुक्त रखा है। अपनी अल्टो कार को खुद ड्राइव कर विधानसभा पहुंचे सीएम सुक्खू ने शनिवार को सुबह 11 बजे बजट भाषण शुरू किया, जो करीब पौने तीन घंटे तक चला।

पंचायतों व स्थानीय निकायों के करीब 40,000 जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का एलान 

मुख्यमंत्री ने 6,000 नर्सिंग टीचर और 2,061 वन मित्रों की भर्ती से 8,000 लोगों को रोजगार देने, सवा लाख अस्थायी कामगारों, पंचायतों व स्थानीय निकायों के करीब 40,000 जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का एलान किया। करीब दो लाख कर्मचारियों को एक मार्च से चरणबद्ध तरीके से नए वेतनमान का एरियर देने और करीब साढ़े तीन लाख कर्मियों-पेंशनरों को चार फीसदी महंगाई भत्ता जारी करने की घोषणा की। सामाजिक सुरक्षा के लिए बजट में खास प्रावधान कर हिमाचल के हर परिवार को छूने का प्रयास किया। उन्होंने कमजोर वर्गोंं के लिए आवास योजनाओं में बजट प्रावधान और 4,500 करोड़ के अपने पैकेज की बात दोहराकर आपदा प्रभावितों पर भी मरहम लगाया। गेहूं के लिए 40 रुपये प्रति किलो और मक्की 30 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए घोषणा की कि प्राकृतिक खेती से पैदा गेहूं 40 रुपये प्रति किलो और मक्की 30 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार खरीदेगी, जो देश में सबसे अधिक है।

गाय का दूध 45, भैंस का प्रति लीटर 55 रुपये खरीदेंगे

एक अप्रैल 2024 से गाय का दूध 38 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 45 रुपये और भैंस का दूध 47 से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर न्यूनतम समर्थन पर खरीदा जाएगा। हिमाचल के इतिहास में दूध पर न्यूनतम मूल्य पहली बार तय किया गया है। बुजुर्गों का उपचार, विधवाओं के बच्चों की 27 साल तक निशुल्क पढ़ाई 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। सभी विधवाओं के 27 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों को हर स्तर की शिक्षा मुफ्त देंगे।

मनरेगा की 300, अन्य मजदूरों की दिहाड़ी 400 रुपये करने की घोषणा

मनरेगा की दिहाड़ी 240 रुपये से बढ़ाकर 300 होगीए जबकि अन्य मजदूरों की दिहाड़ी 25 रुपये बढ़ाकर 400 रुपये करने की घोषणा की। उन्होंने पंचायतों और शहरी निकायों के जनप्रतिनिधियों का मानदेय भी 700 से 4000 रुपये तक बढ़ाने की बात की।

हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में 100 करोड़ रुपये से कैंसर रोकथाम संस्थान, कंडाघाट में नशा निवारण केंद्र खुलेगा

हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में 100 करोड़ रुपये से कैंसर रोकथाम संस्थान खुलेगा। 60 वर्ष से अधिक आयु के तीन लाख पूर्व सैनिकों की पेंशन 3,000 से बढ़ाकर 5,000 रुपये होगी। कंडाघाट में आदर्श नशा निवारण केंद्र बनेगा, जिसमें पुस्तकालय, अस्पताल और जिम की सुविधा मिलेगी। कंडाघाट में 27 तक साल के दिव्यांगों के लिए उच्च शिक्षा संस्थान खोलने की भी घोषणा की। सरकार को घाटे की पूर्ति के लिए लेना होगा 10 हजार 784 करोड़ रुपये का कर्ज वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार को घाटे की पूर्ति के लिए 10 हजार 784 करोड़ रुपये का कर्ज लेना होगा। प्रदेश का राजकोषीय घाटा 10 हजार 784 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद का 4.75 प्रतिशत है। राज्य सकल घरेलू उत्पाद का (जीडीपी) का चार फीसदी ऋण ही ले सकता है, पर इस सीमा के पार होने पर मुश्किल बढ़ेगी। इस बजट का कुल राजस्व घाटा 4 हजार 514 करोड़ रुपये अनुमानित है। राज्य पर कुल 87,788 कराेड़ रुपये का ऋण चढ़ चुका है।

सुक्खू ने कहा पिछली सरकार की ओर से वित्तीय कुप्रबंधन और फिजूलखर्ची के कारण सरकार को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है

वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट के अनुसार अगर कुल बजट 100 रुपये मान लिया जाए तो वेतन-पेंशन पर 42 रुपये और कर्ज चुकता करने पर खर्च होंगे। 20 रुपये प्रति 100 रुपये व्यय में से वेतन पर 25 रुपये, पेंशन पर 17 रुपये, ब्याज अदायगी पर 11 रुपये, ऋण अदायगी पर 9 रुपये, स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 10 रुपये, जबकि शेष पूंजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर व्यय किए जाएंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी सोमवार को सदन में कहा कि पिछली सरकार की ओर से वित्तीय कुप्रबंधन और फिजूलखर्ची के कारण सरकार को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में गलत नीतियों के चलते ऋण के रूप में 87,788 कराेड़ रुपये की कुल देनदारियां उत्पन्न हो गई हैं। 2018 में कुल देनदारियां 47,906 करोड़ रुपये हो चुकी थीं, जो 2023 में बढ़कर 76,651 करोड़ रुपये हो चुकी थीं।