सिऊल खड पर बने खलूर पुल के टूटे-फूटे फट्टे और सुरक्षा के लिए रेलिंग भी नहीं

दो पंचायतों के लोगों को जान जोखिम में डालकर क्षतिग्रस्त पुल के रास्ते सियुल खड्ड को पार करना पड़ रहा है। पुल की खस्ता हालत पुल की तस्वीर बयां करती है&...

सिऊल खड पर बने खलूर पुल के टूटे-फूटे फट्टे और सुरक्षा के लिए रेलिंग भी नहीं

सिऊल खड पर बने खलूर पुल के टूटे-फूटे फट्टे और सुरक्षा के लिए रेलिंग भी नहीं

दो पंचायतों के लोगों को जान जोखिम में डालकर क्षतिग्रस्त पुल के रास्ते सियुल खड्ड को पार करना पड़ रहा है। पुल की खस्ता हालत पुल की तस्वीर बयां करती है 

वन विभाग ने खड्ड में 15 साल पहले पुल का निर्माण किया था। तब से लेकर आज तक इस पुल की मरम्मत नहीं की गई है। इस कारण पुल की हालत काफी दयनीय हो गई है। पुल के फट्टे सड़ चुके हैं। कई जगह पुल के फट्टे निकल गए हैं। पुल के किनारे रेलिंग की भी व्यवस्था नहीं है। इस कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीण कई बार पुल की मरम्मत करवाने के लिए पंचायत और प्रशासन से मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में किसी ने भी सकारात्मक कदम नहीं उठाए हैं। हंसराज, केवल, सुनील कुमार, मनोज कुमार, केवल, सुरेश और संजय कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत डांड और सियुल की 1000 आबादी सियुल खड्ड को पार करने के लिए इसी पुल से होकर आवाजाही करती है। 

इस पूल से सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती है

मौजूदा समय में पुल की जो दयनीय हालत है, उससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल आने-जाने वाले बच्चों को होती है। अभिभावकों को खड्ड पार करवाने के लिए बच्चों के साथ जाना पड़ता है। अन्य ग्रामीण पुल के बजाय खड्ड के बीच से होकर आवाजाही कर लेते हैं। खड्ड में पानी का बहाव बढ़ने से ग्रामीणों की मुश्किलें भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में ग्रामीणों को क्षतिग्रस्त पुल के रास्ते से ही आवाजाही करनी पड़ती है। उन्होंने वन विभाग से पुल की शीघ्र मरम्मत करने की मांग उठाई है। उधर, वन मंडल अधिकारी चुराह सुशील कुमार गुलरिया ने कहा कि जल्द ही क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत करवाने की व्यवस्था करवाई जाएगी।