जोखिम में जान, प्रशासन जानकर भी बना अनजान

प्रशासन की अव्यवस्था लोगों की जिंदगी पर पड़ सकती है भारी ग्राम पंचायत शूण के संधारी गांव में सरकार और प्रशासन की अव्यवस्था कभी भी लोगों की जिंदगी प...

जोखिम में जान, प्रशासन जानकर भी बना अनजान

जोखिम में जान, प्रशासन जानकर भी बना अनजान

प्रशासन की अव्यवस्था लोगों की जिंदगी पर पड़ सकती है भारी

ग्राम पंचायत शूण के संधारी गांव में सरकार और प्रशासन की अव्यवस्था कभी भी लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर नाले को आर-पार कर रहे हैं और प्रशासन जानकर भी अनजान बना हुआ है। गांववासियों को संधारी नाला पार करने के लिए किसी भी पुल की सुविधा नहीं है। हालात ये हैं कि ग्रामीणों ने खुद ही गिरे हुए पेड़ों के तनों को नाले के आरपार रखकर अस्थायी पुली का निर्माण किया था, जो अब टूट चुकी है। नाले में पानी का जलस्तर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। लोग नाले के पानी में से होकर टूटी-फूटी अस्थायी पुली से गुजर रहे हैं जो किसी भी समय उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। पुली के ऊपर से नाले का पानी बह रहा है। ऐसे में जरा सी चूक होने पर व्यक्ति नाले के तेज बहाव में बह सकता है। ऐसा नहीं है कि स्थानीय लोगों ने इस समस्या के बारे में प्रशासन को नहीं बताया है बल्कि प्रशासन को बताने के बावजूद समस्या का हल नहीं किया जा रहा है।

बच्चों को अस्थायी पुली से न भेजकर, दस किलोमीटर घूमकर जाना पड़ रहा स्कूल

स्थानीय निवासी तरूप चंद, योगराज, किशोर, प्रताप सिंह, शेर सिंह, भवानी चंद, देसराज, वीरेंद्र राणा और सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि शुण पंचायत के संधारी गांव के करीब 50 स्कूली बच्चे पढ़ाई करने के लिए रोजाना नाले को पार करके अपने स्कूल जाते हैं। जिस प्रकार नाले का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, उसे देखते हुए लोगों ने अपने बच्चों को अस्थायी पुली के जरिये भेजना बंद कर दिया है। बच्चों को दस किलोमीटर घूमकर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि संधारी नाले को आर-पार करने के लिए पक्की पुली या पुल बनाया जाए। भरमौर-पांगी के विधायक डॉ. जनक राज ने बताया कि प्रदेश सरकार की अव्यवस्था के कारण उनकी विधानसभा क्षेत्र में हालात काफी बदतर होते जा रहे हैं। संधारी गांव में लोगों का जीवन खतरे में डाला जा रहा है। इसको लेकर वह जल्द मुख्यमंत्री से मिलेंगे।