चंबा में ‘नेकी की दीवार’ बनी जरूरतमंदों का सहारा

संस्थान ने स्पष्ट किया है कि ‘नेकी की दीवार’ से सामान लेने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं  ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्था...

चंबा में ‘नेकी की दीवार’ बनी जरूरतमंदों का सहारा

चंबा में ‘नेकी की दीवार’ बनी जरूरतमंदों का सहारा

संस्थान ने स्पष्ट किया है कि ‘नेकी की दीवार’ से सामान लेने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं 

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) बालू ने समाज में जरूरतमंदों की मदद के लिए ‘नेकी की दीवार’ की शुरुआत की है। यहां जरूरतमंद लोग अपनी आवश्यकता के अनुसार मुफ्त में वस्त्र, जूते, किताबें और अन्य जरूरी सामान प्राप्त कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण इन वस्तुओं को खरीदने में असमर्थ हैं। संस्थान ने स्पष्ट किया है कि ‘नेकी की दीवार’ से सामान लेने के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह पूरी तरह से निशुल्क सेवा होगी, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोग लाभान्वित हो सकें। वर्तमान में इस दीवार पर गर्म कपड़े, किताबें, जूते, बैग और अन्य आवश्यक वस्तुएं रखी गई हैं। संस्थान न केवल खुद जरूरतमंदों के लिए सामान जुटा रहा है, बल्कि समाज के संपन्न वर्ग से भी इस मुहिम में जुड़ने की अपील कर रहा है।

संस्थान की इस पहल की जिला प्रशासन ने भी की सराहना 

लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने उपयोग में न आने वाले लेकिन अच्छे हालत में मौजूद वस्त्र, जूते, बैग, किताबें और अन्य सामान इस नेकी की दीवार पर दान करें, ताकि जरूरतमंदों को लाभ मिल सके। संस्थान की इस पहल की जिला प्रशासन ने भी सराहना की है। प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे इस नेक काम में आगे आएं और सहयोग दें, ताकि जरूरतमंदों की सहायता की जा सके। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक मनीष कुमार रजक ने बताया कि यह पहल समाज में जरूरतमंदों की सहायता के लिए शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य उन लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। हम समाज के प्रत्येक व्यक्ति से अनुरोध करते हैं कि वे इस मुहिम में अपना सहयोग दें, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंदों को मदद मिल सके।