हर बार अपलोड नहीं करने पड़ेंगे डाक्यूमेंट हिमाचल में अब सरकारी नौकरी के लिए बार-बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने और डाक्यूमेंट को बार-बार अपलोड करने का...
राज्य चयन आयोग में OTR सिस्टम जल्द
हर बार अपलोड नहीं करने पड़ेंगे डाक्यूमेंट
हिमाचल में अब सरकारी नौकरी के लिए बार-बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने और डाक्यूमेंट को बार-बार अपलोड करने का झंझट खत्म हो जाएगा। दरअसल, हमीरपुर स्थित राज्य चयन आयोग में वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) सिस्टम लागू किया जा रहा है। ऐसे में अभ्यर्थियों को अब बार-बार अपने प्रमाणपत्रों को आयोग की बेवसाइट पर अपलोड नहीं करना पड़ेगा। ओटीआर सिस्टम के तहत अभ्यर्थी अपने सभी डाक्यूमेंट जैसे माक्र्सशीट, आधार कार्ड, आयुप्रमाण पत्र, बोनाफाइड, जाति प्रमाणपत्र, बीपीएल आदि दस्तावेज एक बार आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर देगा, जो कि एक डिजीलॉकर की तरह ओटीआर में सुरक्षित रहेंगे। अभ्यर्थी को आयोग की ओर से एक यूनीक नंबर दिया जाएगा, जो कि उसके आधार और फोन नंबर से लिंक रहेगा। अभ्यर्थी जब भी कोई आवेदन करेंगे, तो उसे केवल पोस्ट कोड और पोस्ट का नाम उसमें फिल करना होगा। बाकी का फार्म खुद-ब-खुद भर जाएगा। फीस भी तभी कटेगी, जब अभ्यर्थी सारी योग्यताएं पूरी करता होगा।
OTR सिस्टम से आयोग को पात्र अभ्यर्थियों का मिलेगा सटीक डाटा
इससे जहां उसका समय बचेगा, वहीं बार-बार साइट हैक होने की दिक्कत भी दूर होगी, क्योंकि साइट पर उसे अधिक देर रुकने की जरूरत नहीं होगी। मजेदार बात यह रहेगी कि अभ्यर्थी केवल उसी पोस्ट के लिए आवेदन कर पाएगा, जिसके लिए वो इलिजिबल होगा। हिमाचल प्रदेश सरकार की इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन की ओर से इस कार्य को किए जाने की योजना है। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की ओर से इस बावत खर्च की अनुमति के लिए प्रपोजल तैयार की गई है। ऐसा माना जा रहा है कि मंजूरी मिलते ही अब आगामी भर्तियों में राज्य चयन आयोग की ओर से इस व्यवस्था को अपनाया जाएगा। इस सिस्टम से आयोग को पात्र अभ्यर्थियों का सटीक डाटा मिल सकेगा।
योग्यता पूरी होने पर ही कटेगी फीस समय की भी होगी बचत, जीरो हो जाएगी रिजेक्शन,
अकसर देखा गया है कि आयोग की ओर से जब भी भर्तियों के लिए आवेदन मांगे जाते हैं, तो हर कोई अप्लाई करता है, चाहे वो शर्तों को पूरा करता हो या नहीं। नतीजा दो से तीन पदों वाली भर्ती में भी कई बार 500 आवेदन भी रिजेक्ट हो जाते हैं। जहां पदों की संख्या अधिक होती है, वहां तो रिजेक्शन का आंकड़ा हजारों में चला जाता है। नई व्यवस्था में वही अभ्यर्थी आवेदन कर पाएंगे, जिनकी योग्यता के दस्तावेज पूर्ण होंगे। इससे रिजेक्शन शून्य हो जाएगा।