रिटायर्ड सीनियर ऑडिट ऑफिसर बुजुर्ग बीरबल की झलकी खुशी, 40 साल के बाद जमीन अपने नाम होने पर

राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने सीनियर बुजुर्ग ऑफिसर और युवा सब बेवस   ज्वालामुखी काॅलेज में आयोजित सरकार गांव के द्वार कार...

रिटायर्ड सीनियर ऑडिट ऑफिसर बुजुर्ग बीरबल की झलकी खुशी, 40 साल के बाद जमीन अपने नाम होने पर

रिटायर्ड सीनियर ऑडिट ऑफिसर बुजुर्ग बीरबल की झलकी खुशी, 40 साल के बाद जमीन अपने नाम होने पर

राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के सामने सीनियर बुजुर्ग ऑफिसर और युवा सब बेवस  

ज्वालामुखी काॅलेज में आयोजित सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान अधे दी हट्टी के साथ लगते गांव के रिटायर्ड सीनियर ऑडिट ऑफिसर बीरबल शर्मा ने 40 साल बाद जमीन अपने नाम होने पर सरकार का शुक्रिया अदा किया। अपनी खुशी बयां करते हुए बुजुर्ग बीरबल शर्मा ने कहा कि "मुख्यमंत्री जी, पिछले 40 साल से मेरी जमीन के इंतकाल का केस लटका हुआ था। इतनी परेशानी हो रही थी कि बता नहीं सकता। एक किसान का बेटा हूं और इतने अरसे के बाद अपनी जमीन मिली है, जो आपके प्रयासों से ही सम्भव हो सका है। किसान कितने दुखी थे कोई अंदाजा नहीं लगा सकता। आपने उनकी परेशानियां दूर कर यह बहुत अच्छा काम किया है।"

राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएं

बीरबल ने मुख्यमंत्री से यह आग्रह भी किया कि वह ऐसे मामलों को लेकर राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएं ताकि उनकी तरह किसी और व्यक्ति को इस तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। इस पर सीएम सुक्खू ने कहा कि अभी हमारी सरकार को आए हुए एक साल ही हुआ है और आपकी 40 साल पुरानी समस्या का समाधान हो गया है।

ज्वालामुखी या नादौन में बांस उद्योग खोलने की मांग भी की 

बीरबल ने  क्षेत्रवासियों की तरफ से इलाके में बांस का उद्योग खोलने की मांग भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। उन्होंने कहा कि बांस बेचने के लिए लोगों को होशियारपुर का रुख करना पड़ता है और वहां उसकी कीमत 40 या 50 रुपए के हिसाब से दी जाती है। ऐसे में यदि नादौन या ज्वालामुखी में कहीं बांस का उद्योग खोल दिया जाए तो लोगों को अपना बांस बेचने के लिए आसानी हो जाएगी, वहीं समय की भी बचत होगी। 

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