प्रदेश सरकार ने सलूणी अस्पताल में आठ डॉक्टरों के पद किए स्वीकृत जिला चंबा की सलूणी तहसील में स्थित नागरिक अस्पताल नाम भले ही बड़ा हो, लेकिन स...
सलूणी अस्पताल एक डॉक्टर के सहारे
प्रदेश सरकार ने सलूणी अस्पताल में आठ डॉक्टरों के पद किए स्वीकृत
जिला चंबा की सलूणी तहसील में स्थित नागरिक अस्पताल नाम भले ही बड़ा हो, लेकिन सुविधाएं सीमित हैं। हालत यह है कि शाम ढलते ही अस्पताल के गेट पर ताला लटक जाता है। रात में इलाज की आस लेकर आने वाले मरीजों को आपात स्थिति में 60 किलोमीटर दूर चंबा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का रुख करना पड़ता है। प्रदेश सरकार ने इस अस्पताल में आठ डॉक्टरों के पद स्वीकृत किए हैं, लेकिन वर्तमान में केवल एक चिकित्सक तैनात है। यानी लोगों को सेवाएं देने वाला डॉक्टर मात्र एक ही है, बाकी अभी फाइलों में हैं। यही कारण है कि रात के समय कोई भी इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पातीं। विकास खंड सलूणी की 10 पंचायतों की लगभग 15 हजार की आबादी इसी अस्पताल पर निर्भर है।
पिछले एक साल से मात्र एक डॉक्टर के भरोसे है पूरा अस्पताल
मगर डॉक्टरों की कमी के कारण लोग उपचार के लिए दर-बदर भटकने के लिए विवश है। कई बार आपात स्थिति में रात के वक्त लोग उपचार के लिए अस्पताल में पहुंचते हैं, तो संस्थान पर ताला लटका मिलता है। मजबूरन उन्हें चंबा या फिर डलहौजी का रुख करना पड़ता है। पहले यहां दो डॉक्टर तैनात थे, जिससे दिन-रात मरीजों को उपचार की सुविधा मिल जाती थी, लेकिन पिछले एक साल से मात्र एक डॉक्टर के भरोसे ही पूरा अस्पताल चल रहा है। उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बिपिन ठाकुर ने बताया कि सरकार को चिकित्सकों की भारी कमी के बारे में अवगत करवाया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही रिक्त पदों को भरा जाएगा।