चंबा में नैला का राजकीय प्राथमिक स्कूल एकमात्र टीचर के सहारे चल रहा है जिसमें 127 बच्चे हैं। अब सरकार ने एकमात्र टीचर का भी ट्रांसफर कर दिया है। चूंकि...
हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा का स्कूल जिसमें 127 बच्चे, और एक टीचर, वह भी ट्रांसफर, गुस्साए ग्रामीण
चंबा में नैला का राजकीय प्राथमिक स्कूल एकमात्र टीचर के सहारे चल रहा है जिसमें 127 बच्चे हैं। अब सरकार ने एकमात्र टीचर का भी ट्रांसफर कर दिया है। चूंकि रिलीवर नहीं है, इसलिए टीचर ने स्कूल नहीं छोड़ा है। बच्चों के भविष्य के साथ इस कदर खिलवाड़ से मां-बाप गुस्साए हुए हैं। उन्होंने सरकार से यहां जल्द शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की है। स्कूल के प्रभारी शिक्षक नंद लाल शर्मा कहते हैं, पहले तीन टीचर थे। दो का ट्रांसफर हो गया। अब वही बचे थे उनका भी ट्रांसफर हो चुका है। स्कूल में 5 शिक्षकों के खाली पोस्ट हैं, यानी वे अकेले ही पांच लोगों का काम कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि ऐसे में बच्चों को पढ़ाएं या उन्हें संभालें, समझ ही नहीं आता।
प्रभारी शिक्षक नंदलाल ट्रांसफर होते हैं तो फिर बंद हो जाएगा स्कूल
नंदलाल ने कहा कि बच्चों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद वे बच्चों को पढ़ा तो रहे हैं, लेकिन उन्हें होमवर्क नहीं दे पा रहे हैं। कुछ बच्चे ध्यान न दे पाने के कारण बाहर निकल जाते हैं। उन्हें सीढ़ियों से गिरने से बचाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। अब अगर नंदलाल का ट्रांसफर होता है तो स्कूल का संचालन बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रिलीवर मिले तो ट्रांसफर हो जाएगा। लेकिन रिलीवर से ही काम नहीं चलेगा, क्योंकि 127 बच्चों की जिम्मेदारी अकेले शिक्षक के बस की बात नहीं है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने बैठक कर सरकार से टीचरों के खाली पड़े पदों को तुरंत भरने की मांग की है, ताकि बच्चों का भविष्य अंधकारमय न हो।