SMC शिक्षकों ने कहा निर्णायक आंदोलन का आगाज, विधानसभा सत्र के चलते चौड़ा मैदान में धरना प्रदर्शन नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे एसएमसी शि...
विधानसभा के बाहर SMC शिक्षकों का परिवार समेत हल्लाबोल, मांगा नियमितीकरण
SMC शिक्षकों ने कहा निर्णायक आंदोलन का आगाज, विधानसभा सत्र के चलते चौड़ा मैदान में धरना प्रदर्शन
नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे एसएमसी शिक्षकों ने सोमवार को चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया। प्रदेशभर से पहुंचे शिक्षकों ने कहा कि उन्हें सेवाएं देते हुए 15-15 साल हो गए लेकिन नियमित नहीं किया जा रहा है। इसलिए अब निर्णायक आंदोलन का आगाज कर दिया है। परिवार समेत बड़ी संख्या में शिक्षकों ने सीटीओ चौक पर 27 जनवरी से चल रहे क्रमिक अनशन के साथ सोमवार को विधानसभा सत्र के चलते चौड़ा मैदान में धरना प्रदर्शन किया। 11:00 बजे से धरने पर बैठे शिक्षकों में महिला शिक्षकों की तादाद अधिक रही। कुछ महिला शिक्षक छोटे बच्चों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुईं। शिक्षकों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान मौके पर पुलिस बल भी तैनात रहा।
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि SMC शिक्षक बजट में सरकार द्वारा वेतन को बढ़ाने की घोषणा का स्वागत करते हैं, मगर यह बढ़ोतरी बढ़े परिवार के खर्च और जिम्मेदारियों को देखते हुए नाकाफी
SMC शिक्षकों ने ‘एक ही मांग एक ही नारा, नियमितीकरण हक हमारा’ जैसे नारे लगाए गए। प्रदेशाध्यक्ष सुनील शर्मा, निर्मल सिंह, बेला राम, वीरेंद्र मनोज सहित बीरबल और समस्त कार्यकारिणी मौजूद रही। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि एसएमसी शिक्षक बजट में सरकार द्वारा वेतन को बढ़ाने की घोषणा का स्वागत करते हैं, मगर यह बढ़ोतरी बढ़े परिवार के खर्च और जिम्मेदारियों को देखते हुए नाकाफी है। वे 15-15 साल से ऐसे स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं, जहां कोई शिक्षक नौकरी करना पसंद नहीं करता। प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों में एसएमसी के सहारे ही स्कूल चल रहे हैं।
SMC के कुछ शिक्षक सेवानिवृत्ति की आयु सीमा तक पहुंचने वाले हैं
इन स्कूलों में शिक्षक नियमित होने की आस में सेवाएं दे रहे थे, अब इनमें बहुत से सेवानिवृत्ति की आयु सीमा तक पहुंचने वाले हैं। शिक्षक नेताओं ने कहा कि सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी बनाई, बार बार उनके बारे में जल्द फैसला लेने का भरोसा दिया जाता रहा है, अब इन आश्वासनों से काम नहीं चलेगा, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, वे शिमला में ही अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। दोपहर बाद तक शिक्षक चौड़ा मैदान में धरने पर बैठे रहे और विधानसभा से सरकार की ओर से उन्हें बुलाने और निर्णय के आने का इंतजार करते रहे।