सुखु सरकार ने रेजीडेंट डाक्टरों के वेतन में की पांच हजार रुपए की कटौती, अधिसूचना जारी

नए मेडिकल कालेजों में फेकल्टी मेंबर और रेजिडेंट डॉक्टर्स नियुक्ति को नई पॉलिसी सरकार की ओर से जारी अधिसूचना पर चिकित्सकों ने गहरा रोष जताया  ह...

सुखु सरकार ने रेजीडेंट डाक्टरों के वेतन में की पांच हजार रुपए की कटौती, अधिसूचना जारी

सुखु सरकार ने रेजीडेंट डाक्टरों के वेतन में की पांच हजार रुपए की कटौती, अधिसूचना जारी

नए मेडिकल कालेजों में फेकल्टी मेंबर और रेजिडेंट डॉक्टर्स नियुक्ति को नई पॉलिसी सरकार की ओर से जारी अधिसूचना पर चिकित्सकों ने गहरा रोष जताया 

हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी नए मेडिकल कालेजों में रेजिडेंट डॉक्टर्स और फेकल्टी मेंबर की नियुक्ति के लिए नई पॉलिसी तैयार कर दी है। यह पॉलिसी गुरुवार को ई-गजट पर अधिसूचित कर दी गई है। नई पॉलिसी के मुताबिक रेजिडेंट डाक्टरों व फेकल्टी मेंबर के वेतन में कटौती की गई है। अधिसूचना के अनुसार डायरेक्ट रेजिडेंट डाक्टर के वेतन से 5000 की कटौती कर दी गई है। इसे प्रथम वर्ष के लिए 60 हजार से घटाकर 55 हजार कर दिया गया है। इसी तरह द्वितीय वर्ष के लिए 62 हजार से घटाकर 57 हजार रुपए और तृतीय वर्ष के लिए देयमान 65 हजार से घटकर 60 हजार रुपए निर्धारित किया गया है।

वेतन में कटौती युवा चिकित्सकों के लिए मानसिक त्रासदी

यह देय राशि अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है। जहां नए वेतन आयोग में चिकित्सकों के वेतन में वृद्धि की गई है, वहीं प्रदेश में इस राशि में कटौती करना चिंताजनक है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना पर चिकित्सकों ने रोष जताया है। चिकित्सकों का कहना है कि हाल ही में बांड पीरियड के तहत विशेषज्ञ चिकित्सकों को 33000 के वेतन पर नियुक्त करना भी निराशजनक है। यदि इन चिकित्सकों के बांड पीरियड को समाप्त करके प्रदेश के बेरोजगार चिकिस्कों को नियुक्ति दी जाए, तो प्रदेश की जनता और युवा चिकित्सकों तथा उनके परिवारजनों के लिए हितकर होगा। जहां आजकल महंगाई आसमान को छू रही है, वहीं इस तरह वेतन में कटौती करना युवा चिकित्सकों के लिए एक मानसिक त्रासदी भी है।