हिमाचल सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए जारी संशोधित वेतनमान की बकाया राशि के बाबत जो अधिसूचना जारी की गई वह प्रथम दृष्टि से अविश्वनीय एवं अव्यवहारिक...
बकाया राशि की अधिसूचना पर उखड़े शिक्षक
हिमाचल सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए जारी संशोधित वेतनमान की बकाया राशि के बाबत जो अधिसूचना जारी की गई वह प्रथम दृष्टि से अविश्वनीय एवं अव्यवहारिक
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक राज्य प्रधान नरेश महाजन की अध्यक्षता में ऑनलाइन माध्यम से गूगल मीट पर आयोजित की गई। बैठक में राज्य महामंत्री नरोत्तम वर्मा, राज्य वित्त सचिव परस राम, वरिष्ठ उप प्रधान सुरेश नरयाल चेयरमैन ग्रीवीएन्सस् कमेटी मनसा राम, प्रधानों में जिला चंबा के परस राम, हमीरपुर के राजकुमार, कांगड़ा के नरेश धीमान, मंडी के अश्विनी गुलेरिया, सोलन गुरमेल चौधरी, शिमला के प्रधान महावीर कैंथला, हमीरपुर के पूर्व प्रधान संजीव ठाकुर व अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में राज्य प्रधान ने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए जारी संशोधित वेतनमान की बकाया राशि के बाबत जो अधिसूचना जारी की गई वह प्रथम दृष्टि से अविश्वनीय एवं अव्यवहारिक लगती है।
प्रत्येक कर्मचारी आगामी 6 महीने या एक वर्ष तक बिना बकाया राशि लिए इंतजार कर सकता है, जब तक सरकार के माली हालात ठीक नहीं हो जाते
भुगतान का जो फार्मूला तय किया गया है, इस पर विश्वास न करने की मुख्य वजह है संपूर्ण बकाया अदा करने की समयावधि। यदि संशोधित वेतनमान की बकाया राशि को 3 प्रतिशत वार्षिक दर से दिया गया, तो संपूर्ण अदायगी में 33 वर्ष लग जाएंगे, जबकि प्रति 10 वर्ष बाद वेतन संशोधित होता है। इसी प्रकार जो महंगाई भत्ता 4 फीसदी की दर 01-04-2024 से देना निर्धारित किया और बकाया राशि 01-07-2022 से 31-03-2024 तक का भुगतान उसे 0.25 प्रतिशत प्रतिमाह देना किस प्रकार न्यायोचित हो सकता है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान नरेश महाजन ने सरकार से मांग की है कि इस अधिसूचना को संशोधित कर अदायगी की किश्तों को निश्चित समयावधि में देने का प्रावधान किया जाए, जो व्यवहारिक हो और प्रदेश की पूर्व भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा जारी एक किश्त के समरूप हो। राज्य प्रधान ने यह भी कहा कि प्रत्येक कर्मचारी आगामी 6 महीने या एक वर्ष तक बिना बकाया राशि लिए इंतजार कर सकता है, जब तक सरकार के माली हालात ठीक नहीं हो जाती, लेकिन संशोधित वेतनमान की बकाया राशि का भुगतान कम से कम रुपए 50000 की किस्त से होना चाहिए, नहीं तो इस प्रकार का बकाया मिलने से अच्छा है कि सरकार प्रत्येक कर्मचारी की एक आरडी खोल कर इस पैसे को उसमें डालने की अधिसूचना जारी करे, लेकिन कर्मचारियों के लिए इस प्रकार का भद्दा मज़ाक न करे।