जिला चंबा के सरकारी स्कूलों के हालात बेहद खराब प्रवक्ता ही नहीं तो स्कूल में क्या पढ़ाई करेंगे विद्यार्थी

चंबा। जिला चंबा के सरकारी स्कूलों के हालात बेहद खराब हैं। इसका खामियाजा 10 से 15 किलोमीटर पैदल सफर तय कर स्कूल पहुंच रहे विद्यार्थियों को भुगतना पड़ र...

जिला चंबा के सरकारी स्कूलों के हालात बेहद खराब  प्रवक्ता ही नहीं तो स्कूल में क्या पढ़ाई करेंगे विद्यार्थी

जिला चंबा के सरकारी स्कूलों के हालात बेहद खराब प्रवक्ता ही नहीं तो स्कूल में क्या पढ़ाई करेंगे विद्यार्थी

चंबा। जिला चंबा के सरकारी स्कूलों के हालात बेहद खराब हैं। इसका खामियाजा 10 से 15 किलोमीटर पैदल सफर तय कर स्कूल पहुंच रहे विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है।
सरकार ने स्कूलों का दर्जा तो बढ़ा दिया है, लेकिन स्टाफ की तैनाती नहीं की गई है। जिले के सात स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी प्रवक्ता तैनात नहीं है, जबकि दो स्कूलों का दर्जा बढ़ने के बाद आज तक वहां स्टाफ नहीं पहुंचा है। इस कारण बच्चों ने इन स्कूलों में दाखिला नहीं लिया है। वहीं, अभिभावकों ने शिक्षा विभाग को चेतावनी दी है कि 15 दिन के भीतर स्कूलों में प्रवक्ताओं की तैनाती नहीं की गई तो स्कूलों को ताला जड़कर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक चिद्यालय आयल में 2019 से प्रवक्ताओं की तैनाती नहीं हो पाई है। 31 बच्चे बिना प्रवक्ता शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। गनेड़ स्कूल पिछले एक वर्ष से बिना स्टाफ चल रहा है। यहां 30 बच्चों की पढ़ाई रामभरोसे है। लड्डा स्कूल का भी यही हाल है। यहां चार साल से एक भी प्रवक्ता तैनात नहीं हो पाया है। इसका सीधा असर 21 बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है।
रखेड़ विद्यालय में भी 2022 से स्टाफ की कमी है। सरार स्कूल में एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद स्टाफ की तैनाती न होने से 31 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं, भजौत्रा स्कूल 2016 से उच्च विद्यालय के अध्यापकों के सहारे चल रहा है। ऐसे में 50 बच्चों का भविष्य दाव पर लगा है। नड्डल स्कूल में दो वर्ष से प्रवक्ताओं की तैनाती नहीं हो पाई है। इस कारण 18 बच्चे काफी परेशान हैं।
अभिभावकों में संत राम, दर्शन कुमार, पवन कुमार, कुलदीप, शोभा देवी और कांता देवी ने कहा कि इन स्कूलों की व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने कदम नहीं उठाए हैं। शिक्षा विभाग को कई बार अवगत करवाने के साथ उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपे गए, मगर समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। उधर, उच्च शिक्षा उपनिदेशक प्यार सिंह चाढ़क ने कहा कि इस बारे में हर तीन माह बाद उच्चाधिकारी को अवगत करवाते हैं। स्वीकृति मिलने पर स्कूलों में प्रवक्ता तैनात करवा दिए जाएंगे।
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स्कूल कब हुए अपग्रेड
आयल स्कूल 2016, बंजवार 2020, गनेड़ 2019, लड्डा 2016, रखेड़ स्कूल 2022, सरार स्कूल 2022, भजौत्रा स्कूल 2016, घरोहण स्कूल 2017 और नड्डल स्कूल 2016 में अपग्रेड हुए हैं।
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