चंबा में HRTC की बसों के हाल, धक्का लगाओ, मंजिल पाओ

व्यवस्था परिवर्तन में भाग लेते बिहाली-भंजराड़ू मार्ग पर जाने वाले लोग  हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में सफर अब केवल यात्रा नहीं, ए...

चंबा में HRTC की बसों के हाल, धक्का लगाओ, मंजिल पाओ

चंबा में HRTC की बसों के हाल, धक्का लगाओ, मंजिल पाओ

व्यवस्था परिवर्तन में भाग लेते बिहाली-भंजराड़ू मार्ग पर जाने वाले लोग 

हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में सफर अब केवल यात्रा नहीं, एक ‘धक्का अभियान’ बन गया है। हालात ये हैं कि बस में बैठकर मंजिल तक पहुंचने की गारंटी नहीं, लेकिन रास्ते में धक्का लगाने की तैयारी जरूर होनी चाहिए। चंबा और चुराह क्षेत्र में चल रही निगम की खस्ताहाल बसें आए दिन बीच रास्ते में दम तोड़ रही हैं। स्कूली बच्चों से लेकर बीमार मरीजों तक को मजबूरी में पैदल चलना पड़ रहा है, जबकि निगम आंख मूंदे बैठा है। यात्रियों का कहना है कि एचआरटीसी की ये बसें कब रुक जाएं, कोई नहीं कह सकता। बस, जहां रुकें वहां धक्का लगाओ और फिर पैदल निकल पड़ो मंजिल की ओर। वीरवार शाम चंबा से घरमाणी की ओर जा रही बस चामुंडा माता मंदिर के पास अचानक खराब हो गई।

बस में स्कूली बच्चे, कॉलेज विद्यार्थी, बीमार मरीज, तीमारदार और सरकारी कर्मचारी थे सवार 

यात्रियों को मजबूरी में टैक्सी करके घर लौटना पड़ा। नाराज यात्रियों ने बताया कि बसें न केवल नियमित रूप से लेट चलती हैं, बल्कि बीच रास्ते में रुक जाना आम बात हो गई है। राम किशन, पवन कुमार, महेश कुमार, मनोहर लाल और दलीप कुमार जैसे रोज़ाना सफर करने वाले यात्रियों ने बताया कि यह बस रोज शाम 6 बजे चलती है और अक्सर 3-4 किलोमीटर बाद खराब हो जाती है। इसी तरह चुराह उपमंडल में भी शुक्रवार सुबह 8:15 बजे बिहाली से भंजराडू जा रही बस गनेड़ के पास बीच रास्ते में हांफ गई। इस बस में स्कूली बच्चे, कॉलेज विद्यार्थी, बीमार मरीज, तीमारदार और सरकारी कर्मचारी सवार थे। यात्रियों ने बस को धक्का देकर स्टार्ट करने की कोशिश भी की, लेकिन असफल रहे। मजबूरन उन्हें 10-12 किलोमीटर पैदल चलकर गंतव्य तक पहुंचना पड़ा। सवारियों के मुताबिक हर तीसरे दिन एचआरटीसी की बस बीच राह ही खराब हो रही हैं।

HRTC चंबा के डीडीएम शुगल सिंह ने कहा कि पुरानी बसों में तकनीकी खामियों और स्टाफ की कमी के कारण आ रही समस्याएं

एचआरटीसी चंबा के डीडीएम शुगल सिंह ने कहा कि पुरानी बसों की तकनीकी खामियों और स्टाफ की कमी के कारण ऐसी समस्याएं आ रही हैं। उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई है। चुराह की घटना के संदर्भ में उन्होंने बताया कि वैकल्पिक बस भेजी गई थी, लेकिन तब तक अधिकतर यात्री निजी वाहनों से रवाना हो चुके थे।