चंबा के 50 वर्षीय स्लिप डिस्क की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति का सफल ऑपरेशन न्यूरोसर्जन डॉ. मुकेश कुमार और उनकी टीम ने किया डॉ राजेंद्र प्रसाद र...
टांडा मेडिकल कॉलेज में चलने-फिरने में असमर्थ 50 वर्षीय मरीज की हुई पहली सफल पूर्ण एंडोस्कोपिक सर्जरी
चंबा के 50 वर्षीय स्लिप डिस्क की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति का सफल ऑपरेशन न्यूरोसर्जन डॉ. मुकेश कुमार और उनकी टीम ने किया
डॉ राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल में न्यूरोसर्जरी विभाग ने पूर्ण एंडोस्कोपिक डिस्क सर्जरी का सफलतम ऑपरेशन किया। चंबा का एक 50 वर्षीय व्यक्ति पिछले एक महीने से स्लिप डिस्क की समस्या से जूझ रहा था और उसको चलने में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। उसने टांडा अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग के विषेशज्ञ न्यूरोसर्जन डॉक्टर मुकेश कुमार को अपनी इस समस्या से अवगत करवाया। मरीज को चैक करने के बाद न्यूरोसर्जन डॉक्टर मुकेश कुमार ने उन्हें सर्जरी की सलाह दी। सोमवार को उनका पूरा ऑपरेशन इंडोस्कोपिक, दूरबीन, लेजर स्पाइन डिस्क रिमूवल सर्जरी सिंगल स्टिच के साथ उनकी पीठ का सफल ऑपरेशन न्यूरोसर्जन डॉ. मुकेश कुमार और उनकी एक टीम ने कर दिया।
हिमाचल में यह एकमात्र सुविधा है और टांडा मेडीकल कालेज में पहली बार इस तरह की थेरेपी शुरू की गई
एनेस्थीसिया विभाग में डॉ. भानु गुप्ता, डॉ. महेश सहित शल्य चिकित्सा से ओटी स्टाफ नर्स-संदीप और मधु द्वारा भी सहायता प्रदान की गई। सफल ऑपरेशन के बाद मरीज़ बिल्कुल ठीक अवस्था में आ गया। उसी शाम को उन्हें दर्द मुक्त स्थिति में 2 दिनों के बाद बुधवार को छुट्टी दे दी गई। चिकित्सा की इस विद्या की शुरूआत से निश्चित रूप से राज्य के लोगों को लाभ होगा और मरीजों के लिए आशा की किरण बनेगी। टांडा मेडीकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. भानु अवस्थी ने सफल सर्जरी की बधाई देते हुए स्पेक्ट्रम को बढ़ाने के लिए न्यूरोसर्जरी और एनेस्थीसिया विभाग न्यूरोसर्जरी प्रक्रियाएं और माननीयों के निरंतर सहयोग व प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू , स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल , कैबिनेट मंत्री रैंक व चैयरमैन एच पी टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन आर एस वाली का भी धन्यवाद किया ।
फुल-एंडोस्कोपिक/लेजर स्पाइन सर्जरी
यह मिनिमली इनवेसिव स्पाइन (एमआईएस) सर्जरी का विकसित रूप है जहां एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है 1 सेमी से कम जगह को बनाया जाता है और एंडोस्कोप डाला जाता है और स्लिप डिस्क को हाई के नीचे हटा दिया जाता है परिशुद्धता और आवर्धन. रेडियो फ्रीक्वेंसी जांच लोकप्रिय रूप से लेजर के रूप में जाना जाता है का उपयोग किया जाता है।
ओपन सर्जरी की तुलना में एंडोस्कोपिक या लेजर स्पाइन सर्जरी के लाभ:
1. त्वचा पर छोटा चीरा (1 सेमी से कम), ऑपरेशन के बाद की अवधि में दर्द कम होना
2. काम पर जल्दी जुटना
3. खून की नगण्य हानि
4. रीढ़ की संरचनाओं को कम नुकसान
5. उच्च परिशुद्धता और आवर्धन।