सुक्खू बोले, भाजपा के पास अब रैलियों के अलावा कोई काम नहीं, प्रदेश सरकार अपनी हर गांरटी पूरी करने के लिए वचनबद्ध है कांगड़ा के लिए विकास मायन...
आपदा के समय गायब भाजपा अब किसको दिखा रही आक्रोश, सुक्खू बोले, रैलियों के अलावा भाजपा के पास कोई काम नहीं
सुक्खू बोले, भाजपा के पास अब रैलियों के अलावा कोई काम नहीं, प्रदेश सरकार अपनी हर गांरटी पूरी करने के लिए वचनबद्ध है
कांगड़ा के लिए विकास मायने रखता है, मंत्रियों की संख्या नहीं
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए सोमवार को धर्मशाला पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा की आक्रोश रैली पर पलटवार करते हुए कहा कि अब भाजपा के पास रैलियां करने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं रहा है। सीएम ने कहा कि प्रदेश में आपदा आई, तो भाजपा प्रदेश के लोगों के साथ खड़ा नहीं हो पाई। अब भाजपा किस पर आक्रोश निकाल रही है, यह समझ से परे है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी हर गांरटी को पूरा करने के लिए वचनबद्ध है। कांग्रेस सरकार ने एक साल के भीतर ही तीन गारंटियां पूरी कर दी हैं। जैसे-जैसे संसाधन बढ़ते जाएंगे, हर गांरटी को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। विपक्ष को इस पर शोर मचाने की आवश्यकता नहीं है। विपक्ष सकारात्मक चर्चा के लिए सदन में आए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनवरी माह में दुबई के निवेशक हिमाचल आएंगे। हिमाचल में उद्योग लगाने को दुबई के बड़े औद्योगिक घरानों ने हामी भरी है। इसी के चलते कुछ निवेशक जनवरी में हिमाचल आएंगे। निवेशकों को हमने हॉस्पिटैलिटी, हाइड्रो और टूरिज्म का ऑफर दिया है। अगले महीने दुबई के निवेशक आएंगे और प्रदेश के पास जहां भी लैंड होगी, उसी के हिसाब से प्रोजेक्ट अलॉट किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की यह सरकार व्यवस्था परिवर्तन की सरकार है, इसलिए कांगड़ा से पहली बार एक नौजवान व दलित नेता को मंत्री बनाया गया है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा से कितने मंत्री है, यह मायने नहीं रखता, कांगड़ा का विकास कैसे होगा, इस पर सरकार ध्यान दे रही है।
आपदा राहत पर झूठे आंकड़े पेश कर रही भाजपा
धर्मशाला पहुंचकर सीएम सुक्खू ने भाजपा पर झूठे आंकड़े पेश करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कह रहे हैं कि केंद्र ने हिमाचल को 633 करोड़ का फंड जारी किया, लेकिन यह पैसा हिमाचल को एनडीआरएफ के तहत आता है, जो पूर्व भाजपा सरकार के समय भी आया था। यानी हिमाचल में जो आपदा आई है, उसके लिए जो आर्थिक पैकेज हिमाचल सरकार ने मांगा, वह अभी तक नहीं मिला है।