खड़ामुख-होली मार्ग पर 13 घंटे से आवाजाही पूरी तरह ठप

दुंदा पुल के पास भू-स्खलन से थमी रफ्तार, सडक़ के दोनों ओर लगी गाडिय़ों लंबी-लंबी की कतारें, यात्री परेशान खड़ामुख-होली मार्ग पर दुंदा पुल के पास हुए...

खड़ामुख-होली मार्ग पर 13 घंटे से आवाजाही पूरी तरह ठप

खड़ामुख-होली मार्ग पर 13 घंटे से आवाजाही पूरी तरह ठप

दुंदा पुल के पास भू-स्खलन से थमी रफ्तार, सडक़ के दोनों ओर लगी गाडिय़ों लंबी-लंबी की कतारें, यात्री परेशान

खड़ामुख-होली मार्ग पर दुंदा पुल के पास हुए भू-स्खलन के कारण करीब 13 घंटों तक वाहनों की आवाजाही थमी रही। इसके चलते यात्रियों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बड़ी बात यह है कि बीती मध्यरात्रि के बाद इस मार्ग पर भू-स्खलन हुआ था, लेकिन लोक निर्माण विभाग गुरुवार दोपहर को यहां पर यातायात को बहाल करने हेतू युद्धस्तर पर कार्य आरंभ कर पाया। इससे यात्रियों में भी लोक निर्माण विभाग के प्रति गहरा रोष यहां पर देखा गया। बहरहाल घंटों मार्ग पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रही और होली घाटी से कांगड़ा जिला की ओर निकली बसें भी यहां फंसी रही। अलबता दोपहर बाद यहां पर सडक़ यातायात के लिए बहाल हो पाई है। जानकारी के अनुसार होली मार्ग पर खडामुख के दुंदा पुल के पूर्व में भू-स्खलन हुआ था। इसके बाद से अब यहां पर हर पल भू-स्खलन होने का खतरा बना रहता है। नतीजतन बुधवार मध्यरात्रि के बाद मार्ग के इस हिस्से में भू-स्खलन हुआ और भारी भरकम चटटानें और मलबा सडक़ पर आ गिरा। गुरुवार तडक़े होली से कांगड़ा जिला के विभिन्न हिस्सों के लिए रवाना हुई बसें यात्रियों समेत बीच सडक़ फंस गई।

लूणा से कंप्रैशर मशीन मंगवा कर ब्लॉस्टिंग कर चट्टानों का तोड़ा तब जाकर सडक़ को बहाल किया गया

लिहाजा देखते ही देखते यहां सडक़ के दोनों तरफ सुबह तक वाहनों की कतारें लगी हुई थी। यात्रियों का कहना था कि लोक निर्माण विभाग भी यहां पर युद्वस्तर पर सडक़ बहाली का कार्य नहीं कर पाया। इसी के चलते यहां पर सडक़ को बहाल होने में लंबा वक्त लग गया। नतीजतन रोजमर्रा की वस्तुओं की आपूर्ति भी गुरुवार को समय पर होली घाटी में नहीं हो पाई। बाद में कंप्रैशर मौके पर लगवा कर चट्टानों में हॉल कर ब्लास्टिंग की गई। जिसके बाद यहां पर सडक़ यातायात के लिए बहाल हो पाई। उधर, लोक निर्माण विभाग के गरोला स्थित सहायक अभियंता बीएस चौहान ने कहा कि बड़ी-बड़ी चट्टानें होने के चलते इन्हें हटाने में वक्त लग गया। लूणा से मौके पर कंप्रैशर मशीन मंगवाई गई और उसके बाद ब्लॉस्टिंग कर चट्टानों का तोड़ा। मशीन लगाकर सडक़ को बहाल किया गया।