पर्यटन की दृष्टि से गूगल मैप पर भी गढ़ माता मंदिर को मिल चुका स्थान हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर स्थित गढ़ माता मंदिर अभी तक सड़क सुविध...
गढ़ माता मंदिर के लिए 18 साल में पहुंची ढाई किमी सड़क
पर्यटन की दृष्टि से गूगल मैप पर भी गढ़ माता मंदिर को मिल चुका स्थान
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर स्थित गढ़ माता मंदिर अभी तक सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। गढ़ माता मंदिर न सिर्फ हिमाचल प्रदेश बल्कि जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों में भी प्रसिद्ध है। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में यात्री विभिन्न राज्यों से माता के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए आते हैं लेकिन, आज तक मंदिर तक पहुंचने के लिए एक सड़क की सुविधा नहीं है। इतना ही नहीं, किसी भी पार्टी के जनप्रतिनिधि ने मंदिर तक सड़क पहुंचाने की पहल नहीं की। इसके चलते श्रद्धालुओं को मीलों का पैदल सफर कर मंदिर तक पहुंचना पड़ रहा है। इस मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से गूगल मैप पर भी स्थान मिल चुका है। करीब अठारह वर्ष पहले झौड़ा से गढ़ माता मंदिर के लिए सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, जो करीब लगभग ढाई किलोमीटर दूर किनोट में ही रुक गया। वर्षों बीत जाने के बावजूद यह काम आज तक अधूरा पड़ा हुआ है।
अश्विन माह की संक्रांति को गढ़ माता मंदिर में दो दिवसीय जातर मेले का होता है आयोजन
गौरतलब है कि गढ़ माता मंदिर हिमाचल और जम्मू-कश्मीर राज्य के लोगों की आस्था का केंद्र है। अश्विन माह की संक्रांति को गढ़ माता मंदिर में दो दिवसीय जातर मेले का आयोजन भी किया जाता है। इसमें जिला चंबा सहित जम्मू कश्मीर के हजारों की तादाद में श्रद्धालु माता के दरबार में हाजिरी भरने के लिए पहुंचते हैं लेकिन मंदिर के लिए सड़क न होने के कारण श्रद्धालुओं को खड़ी पगडंडी वाले रास्ते का तीन से चार घंटे का पैदल सफर तय करना पड़ता है। ग्रामीणों के मुताबिक झौड़ा-गढ़ माता मंदिर के लिए सड़क का निर्माण होने से दियोल, किनोट, अटालु, मदराणी, चिंगलाणु, शलदंर, कराउड़, चिहोट, भरेभूण व राजा का डेरा आदि गांवों की आबादी भी लाभान्वित होगी। इसके साथ ही ग्रामीणों की अधवारी आने-जाने की राह भी आसान हो जाएगी। इसके साथ ही तेलका क्षेत्र में पर्यटन कारोबार को भी पंख लगने से स्वरोजगार के द्वार खुलेंगे।
कांग्रेस यूथ कमेटी के सचिव धर्मेंद्र सूर्या का कहना है कि अगर यहां पर सड़क सुविधा होती तो भलेई माता की तरह गढ़ माता मंदिर में भी लाखों की संख्या में रोजाना श्रद्धालु पहुंचते। उन्होंने हिमाचल सरकार से मांग की है कि इस धार्मिक स्थल के लिए जल्द सड़क सुविधा मुहैया करवाने का प्रयास किया जाए। लोग निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता कुम्मद उपाध्याय ने कहा कि बस्तियों में रहने वाले ग्रामीण अपनी-अपनी पंचायत का प्रस्ताव भेजें। उसके बाद निरीक्षण कर आगामी कार्यवाही शुरू की जाएगी।