हिमाचल के जिला चम्बा में ठंड बढ़ने के साथ बढ़ने लगे पीठ और गर्दन दर्द के मरीज

डॉक्टरों द्वारा पीठ और गर्दन दर्द के मरीजों को दवाई के साथ-साथ जरूरी परामर्श भी दिया जा रहा है। सर्दी बढ़ने के साथ-साथ जिले में पीठ और गर्दन दर्द क...

हिमाचल के जिला चम्बा में ठंड बढ़ने के साथ बढ़ने लगे पीठ और गर्दन दर्द के मरीज

हिमाचल के जिला चम्बा में ठंड बढ़ने के साथ बढ़ने लगे पीठ और गर्दन दर्द के मरीज

डॉक्टरों द्वारा पीठ और गर्दन दर्द के मरीजों को दवाई के साथ-साथ जरूरी परामर्श भी दिया जा रहा है।

सर्दी बढ़ने के साथ-साथ जिले में पीठ और गर्दन दर्द के मरीज भी बढ़ना शुरू हो गए हैं। मेडिकल कॉलेज चंबा में रोजाना पीठ और गर्दन दर्द से पीड़ित मरीज इलाज करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। हड्डी रोग की ओपीडी में इन मरीजों की सुबह से शाम तक लाइनें लग रही हैं। रोजाना 40 से 50 मरीज पीठ और गर्दन दर्द का इलाज करवाने ओपीडी में आ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार ये लोग सर्दी के मौसम में सोते समय सिरहाने का गलत इस्तेमाल करने से इस रोग की चपेट में आ रहे हैं। रात को सोने के बाद सुबह उठने पर कई लोगों की गर्दन पूरी तरह से नहीं हिलती है। असहनीय दर्द भी झेलना पड़ता है। पीठ दर्द भी इसी कारण हो रहा है। हड्डी रोग विशेषज्ञ ऐसे मरीजों को उपचार के लिए दवाई देने के साथ सर्दी के मौसम में सिरहाने काे सही तरीके से रखकर सोने का परामर्श दे रहे हैं।

गर्दन और पीठ दर्द का कारण सर्वाइकिल नहीं, बल्कि सिरहाने का गलत इस्तेमाल

इस रोग में मरीज को दर्द सर्वाइकिल के दर्द की तरह महसूस होता है। इसलिए कई मरीज इसे सर्वाइकिल ही समझ लेते हैं। जब वह उपचार के लिए अस्पताल पहुंचते हैं तो विशेषज्ञ उन्हें समझाते हैं कि उनके गर्दन और पीठ दर्द का कारण सर्वाइकिल नहीं, बल्कि सिरहाने का गलत इस्तेमाल है। उधर, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मानिक सहगल ने बताया कि ठंड बढ़ने के साथ मेडिकल कॉलेज में गर्दन और पीठ दर्द के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। मरीजों को इलाज के साथ जरूरी परामर्श भी दिया जा रहा है।