पंचायती राज मंत्री से मुलाकात के बाद जिला परिषद कर्मचारियों ने खत्म की हड़ताल सोमवार से काम पर लौटेंगे

जिला परिषद कर्मचारियों के मर्जर को लेकर अब 30 अक्तूबर को होगी बैठक पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह से मुलाकात के बाद जिला परिषद...

पंचायती राज मंत्री से मुलाकात के बाद जिला परिषद कर्मचारियों ने खत्म की हड़ताल सोमवार से काम पर लौटेंगे

पंचायती राज मंत्री से मुलाकात के बाद जिला परिषद कर्मचारियों ने खत्म की हड़ताल सोमवार से काम पर लौटेंगे

जिला परिषद कर्मचारियों के मर्जर को लेकर अब 30 अक्तूबर को होगी बैठक

पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह से मुलाकात के बाद जिला परिषद कर्मचारियों ने आखिरकार 22 दिन के बाद हड़ताल को खत्म कर दिया है। ऐसे में अब जिला परिषद कैडर के कर्मचारी सोमवार से काम पर लौट आएंगे। जिला परिषद कर्मचारी-अधिकारी महांसघ के प्रतिनिधियों ने शनिवार को पंचायतीराज मंत्री अनिरूद्ध सिंह से मुलाकात की। इस दौरान पंचायतीराज मंत्री ने जिला परिषद कर्मचारियों की मांग को जायज माना। वहीं कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि कर्मचारियों को पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग में मर्जर के लिए 30 अक्तूबर को विस्तृत बैठक होगी। जिला परिषद कर्मचारी-अधिकारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि बैठक पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह की अध्यक्षता में होगी। इसमें विभाग के अधिकारी भी मौजूद होंगे। वहीं जिला परिषद कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ भी जल्द प्रदान किया जाएगा। यह आश्वासन भी मंत्री से जिला परिषद कर्मचारियों को मिला है। वहीं 30 अक्तूबर को होने वाली बैठक में भी इस मसले पर चर्चा की जाएगी। मंत्री के इस आश्वासन के बाद जिला परिषद कर्मचारियों ने हड़ताल को समाप्त कर दिया है। जिला परिषद कर्मचारियों व अधिकारियों के काम पर लौटने से ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि पंचायतों में होने वाले सभी कार्य जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों व अधिकारियों के जिम्मे है। ऐसे में 22 दिन से चल रही हड़ताल के कारण यह कार्य ठप पड़े हुए थे।

जिला परिषद कर्मचारी प्रोमोशन को भी तरसे

जिला परिषद कैडर में पंचायतों में तैनात पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, अधिशाषी अभियंता, कनिष्ठ अभियंता समेत अन्य श्रेणियों के कर्मचारी शामिल हैं। इनकी संख्या करीब 4700 के आसपास है। जिला परिषद कैडर में होने के कारण इन कर्मचारियों को सालों से एक ही पद पर सेवाएं देनी पड़ रही हैं। न ही इन कर्मचारियों की वरीयता सूची बनती है और न ही इन्हें कोई पदोन्नती मिलती है। ऐसे में अब छठे वेतन आयोग का लाभ भी नहीं मिल रहा है। वहीं ओपीएस का लाभ भी इन कर्मचारियों को प्रदान नहीं किया गया है।