विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती में NPA दरकिनार, अब दोबारा CM से मिलेगी चिकित्सक संघ संयुक्त संघर्ष समिति

अब दोबारा मुख्यमंत्री से मिलेगी चिकित्सक संघ संयुक्त संघर्ष समिति कहा, मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी अभी तक लागू नहीं हुआ एनपीए  हिमाचल में...

विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती में NPA दरकिनार, अब दोबारा CM से मिलेगी चिकित्सक संघ संयुक्त संघर्ष समिति

विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती में NPA दरकिनार, अब दोबारा CM से मिलेगी चिकित्सक संघ संयुक्त संघर्ष समिति

अब दोबारा मुख्यमंत्री से मिलेगी चिकित्सक संघ संयुक्त संघर्ष समिति कहा, मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी अभी तक लागू नहीं हुआ एनपीए 

हिमाचल में हाल में हुई विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती में एनपीए यानी नॉन प्रैक्टिस अलाउंस को दरकिनार किया गया है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ संयुक्त संघर्ष समिति भडक़ गई है। समिति में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षक चिकित्सक संघ, हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ एवं सभी रेजिडेंट डाक्टर संघ सम्मिलित है। समिति के महासचिव डा. विकास ठाकुर ने बताया कि तीन जून को मुख्यमंत्री से शिमला में समिति की वार्ता हुई थी। इस वार्ता में मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि चिकित्सकों की अग्रिम भर्ती में एनपीए को दोबारा लागू कर दिया जाएगा, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती में एनपीए को दरकिनार कर दिया गया है। डा. विकास ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रोजेक्ट डायरेक्टर एड्स कंट्रोल सोसायटी का कार्यभार दोबारा स्वास्थ्य निदेशक को सौंपने की बात कही थी, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है। मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ स्वास्थ्य अधीक्षकों एवं प्रधानाचार्यों की शक्तियों को लौटने के बारे में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उनकी मांगें हैं कि वर्तमान व्यवस्था में स्वास्थ्य निदेशक की प्रोमोशन योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर शीघ्र की जाए, उप स्वास्थ्य निदेशक के पांच पद, स्वास्थ्य अधीक्षकों के 12 पद, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के दो पद एवं खंड चिकित्सा अधिकारियों के 40 पदों को शीघ्र भरा जाए। डीपीसी समय से न होने के कारण चिकित्सकों को इन पदों की पदोन्नति का लाभ इनके रिक्त होने की तिथि से आगे दिया जाए। चिकित्सकों की पदोन्नति के बहुत ही कम पद हैं, इसलिए चिकित्सकों को केंद्रीय सरकार के तर्ज पर डायनामिक करियर प्रोग्रेशन स्कीम का लाभ भी दिया जाए, जिसे बिहार और मध्य प्रदेश आदि देश के अन्य राज्यों में लागू किया जा चुका है। विभाग में समय पर डीपीसी न करा पाने की असमर्थता के कारण प्रोमोशन पोस्ट पर कुछ पदों पर सेवानिवृत्ति के बाद भी सेवाविस्तार दे दिया गया है, जो कि न्यायसंगत नहीं है।

विभाग के पास चिकित्सकों की सीनियोरिटी लिस्ट नहीं

डा. विकास ठाकुर ने कहा कि चिकित्सकों की सीनियोरिटी लिस्ट विभाग डेट ऑफ़ ज्वाइनिंग से बनाने में विभाग नाकाम रहा है। इससे चिकित्सकों को समय पर पदोन्नति का लाभ भी नहीं मिल रहा है। छह माह बीत जाने के बाद भी मांगें पूरी नहीं की गई हैं। समस्त चिकित्सक वर्ग में इन्हीं मांगों को लेकर भारी रोष है। अब संघ दोबारा सीएम से मिलेगा और उन्हें बताएगा कि उनके किए गए वादों के वावजूद चिकित्सकों की मांगों को लेकर धरातल पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।