हिमाचल में पर्यटन की संभावनाएं बहुत अधिक, पर गोवा की तरह पर्यटन स्थल विकसित नहीं

हिमाचल आने वाले 80 फीसदी सैलानियों का 2 या 3 दिन से अधिक यहां ठहराव नहीं  हिमाचल में पर्यटन विकास की ढेरों संभावनाएं होने के बावजूद सैलानियों...

हिमाचल में पर्यटन की संभावनाएं बहुत अधिक, पर गोवा की तरह पर्यटन स्थल विकसित नहीं

हिमाचल में पर्यटन की संभावनाएं बहुत अधिक, पर गोवा की तरह पर्यटन स्थल विकसित नहीं

हिमाचल आने वाले 80 फीसदी सैलानियों का 2 या 3 दिन से अधिक यहां ठहराव नहीं 

हिमाचल में पर्यटन विकास की ढेरों संभावनाएं होने के बावजूद सैलानियों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। पर्यटन राज्य कहलाए जाने के बावजूद राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन का महज 6.6 फीसदी योगदान है। पर्यटकों का लगातार घटता ठहराव पर्यटन कारोबारियों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। हिमाचल आने वाले 80 फीसदी सैलानी 2 या 3 दिन से अधिक यहां ठहराव नहीं करते। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से ही अधिक सैलानी हिमाचल आ रहे हैं।

सड़कों की खराब हालत और ट्रैफिक जाम की वजह से सैलानी हिमाचल से कर रहे किनारा

सड़क आवाजाही का मुख्य साधन है। सड़कों की खराब हालत और ट्रैफिक जाम से सैलानी परेशान होते हैं। बीते साल आपदा में क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्गों की दशा नहीं सुधर पाई। पिछले साल क्रिसमस पर जाम से सैलानी इतने परेशान हुए कि न्यू ईयर पर हिमाचल नहीं आएट्रैफिक जाम और अनियंत्रित निर्माण की वजह से सैलानी हिमाचल से किनारा कर रहे हैं और जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड की ओर आकर्षित हो रहे हैं। रेल और वायु यातायात सीमित होना भी यहां बड़ी समस्या है। कश्मीर और उत्तराखंड के मुकाबले हिमाचल के लिए फ्लाइट्स नाममात्र हैं, जिसके कारण किराया बहुत अधिक है। शिमला और कांगड़ा को छोड़ पर्यटन स्थलों तक रेल संपर्क नहीं हैं। विदेशी सैलानियों की संख्या में गिरावट चिंता का विषय है। 

नए साल में भी नहीं पहुंचे सैलानी

31 दिसंबर को रिकॉर्ड सैलानी नए साल का जश्न मनाने हिमाचल आते रहे हैं लेकिन इस बार नए साल का जश्न भी फीका रहा। पहली बार न्यू ईयर पर होटलों में 40 से 60% कमरे खाली रहे।

पर्यटन विकास के लिए ये हैं सरकारी योजनाएं

1. कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी बनाने का एलान किया है। 

2. गगल हवाई अड्डे के विस्तार की योजना है 

3. प्रदेश में 9 हेलीपोर्ट बनाने की योजना है। सरकार ने स्वदेश दर्शन-2 के तहत पर्यटन विकास के लिए मास्टर प्लान बनाया है। 

4. होम स्टे इकाइयों में ठहरने वाले सैलानियों को बेहतर सुविधाएं मिले इसके लिए इन्हें पर्यटन विकास एक्ट के दायरे में लाने का प्रस्ताव है। 

5. कांगड़ा जिले के बनखंडी में चिड़ियाघर बनाना भी प्रस्तावित है।